Sunday, November 15, 2009

हकलाहट का इलाज


दोस्तो  मै    हकलाहट को बहुत नजदीक से देखा हु
अब मै आप को बताउगा की इसका इलाज कैसे होता है
१-डर को काबू करना
२- वाणी दोष में सुधार लाना
आप ने कभी मोटर सईकल तो ड्राइव किया होगा जॉब आप से मोटर सईकल ड्राइव करते नही बनती थी तो कितना डर लगता था पर आज भिल्कुल नही ,क्यो ? आप ने कभी सोचा है ? मै बताता हु ----आप ने लगातार सिखने का प्रयाश किए है और आज सिख गए है ,सीखते सीखते आप का मन इसे ऑटो कर लिया है और अब स्वाम करवाता रहता है ,अब आप को बिल्कुल डर नही लगता है की मोटर सईकल भीड़ सकती है लेकिन रियल में भीड़ तो आज भी सकते है ना ? पर आप पुरी विश्वाश से कहते है की मेरे से नही भीड़ सकती

जब आप से गाड़ी ड्राइव करते नही बनती थी तब आप के मन में बहुत डर था पर आज नही
क्यो? इसे लिए क्योकि आपने सिखा है ठीक यही होती है हकलाहट ,आप भी सिख कर धेरे धीरे हकलाहट को कंट्रोल कर सकते है आइये हम बात करते है कैसे मुक्ति पअए
१ सबसे पहले आप यह निश्चय कर लीजिये की हमको ठीक होना है क्योकी निश्चय करने में ही आप को ७० % वर्क करना पड़ता है बहुत से लोगो को यह कहते हुए मै सुना हु की बहुत से डॉक्टर को दिखा चुका हु मेरी किस्मत में हकलाना ही लिखा है ऐसा वे ही लोग सोचते है जिनका "निश्चय " ही कमजोर होता है अतः आप को सबसे पहले यह निश्चय करना चाहिए की हमको ठीक होना है ,आप कहेगे की मै डेली निश्चय करता हु की ठीक होना है पर असफल हो जाता हु ऐसा क्यो ? आएये आप की मदत करता हु की निश्चय कैसे करना है ,निश्चय करने के से पहले आप को कुछ हकलाहट की सच्चाई जान्लेनी चाहिए
१-रातो रात यह ठीक नही होती है ----इसको ठीक करने का मतलब है की सुधार करना ,और सुधार धीरे धीरे ही किया जाता है सिर्फ़ तीन काम करके आप डॉक्टर , इंजिनियर बन सकते है
अ - देखना
बी- सुनना
सी - करना
कोई भी ट्रेनिंग हो यही मात्र तीन काम करना होता है ,जो सही तरीके से करता है वह बहुत आगे निकल जाते है
जो नही करते वह वाही रहते है
आपको भी दिन रात सपने देखना है की मै बिल्कुल ठीक बोलूगा ,सच बताओ आप ने कभी कहा है की मै ठीक बोलता हु नही न ,यदि आप झूंठ ही कहा होता की मै ठीक बोलता हु तो आज यहाँ आप यह नही पढ़ रहे होते अर्थात आप बिल्कुठीक बोलते ,सीधी सी बात है ,किसान सोचता है खेती करुगा ,करता है,सेठ सोचता है सामान बेचुगा बेचता है ,आप सोचते है हकलाता हु तो आप हकलाने ही ,मेरा कहने का मतलब आप जैसा सोचेगे वैसा ही बनेगे आप सोचते है मै हकलाता हु तो आप हकलाते है ,सबने पहले आप को आपनी सोच बदलनी पड़ेगी,और आप की सोच तब बदलेगी जब आप हकलाहट से दूर भागने के बजाय पास आयेगे ,दोस्ती करेगे ,आप के मन में फिर  एक डर आयेगा की हम ठीक होना चाहते है और आप कहते है की दोस्ती करो  मै समझाता हु
मान लीजिये आप पढाई कार रहे है और आप का छोटा बालक आप के पास आया और बोला पापा पापा हमको टॉफी चाहिए