Saturday, August 21, 2010

किसी इन्सान के सामने स्वाविकार करने का मेरा पहला मौका था

दोस्तों आज हम आप से बात करेगे कि हकलाहट को अपना नौकर कैसे बनाया जाय |
१-पहला कदम यही है कि आप हकलाना को स्वबिकार करो कि हां मै हकलाता हू | यहाँ एक बात मै आप को साफ करना चाहता हू कि स्वाविकार करने का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप हाथ पर हाथ रखे बैठ जाओ और किस्मत को या   भगवन को कोसते रहो | स्वाविकार का मतलब कि हां मै हकलाता हू ,सभी से खुल क़र बात क़र सकता हू , मै आपनी स्पीच को improve  क़र रहा हू ,मेरा मतलब यह है कि मै कही भी हकलाना के वारे में बात क़र सकता हू ,हकलाना पर बात करते समय भागुगा नहीं ,सर्म नहीं करुगा, आँखे नहीं चुराउगा, ,आत्म ग्यालिन नहीं लूगा | मै खुल क़र बात क़र सकता हू
दोस्तों स्वाविकार करना इतना सरल नहीं है जितना कि लिखना सरल है आप भी मेरी तरह कुछ टिप्स अपना सकते है
मै सबसे पहले, अन्दर से, मन से, संकल्प से , ठन्डे दीमक, से सोचा कि  मै कब तक भागुगा हकलाना से
मै सात दिन तक अपनी कंट्रोलिंग किया -----आदतों को अपना गुलाम बनाया  आदतों का गुलाम स्वयं  नहीं बना
इसके लिए  एक घंटे मौन ब्रत रहा ,मन करता थोड़ी बोलु फिर कोत्रोल करता  इससे मेरे अन्दर एक प्रकार कि इनर्जी आई के हां मै अपनी बोदी को कण्ट्रोल क़र सकता हू| लोगो के सामने यह कहना मेरे बस में नहीं था कि मै हकलाता हू ,हिम्मत बढाने के लिय मै 10 दिन तक अकेले में ही कहता कि हां मै हकलाता हू ,फिर  दिवालो से कहना चालू किया कि हां मै हकलाता हू ,मदिरो में भगवन के सामने कई बार कई दिनों तह roj ३० मिनट मंदिर जाता और कहता हे भगवान मुझे इतनी सकती दे कि मै इसे स्वविकार क़र सकू ,फिर बंदरो गयो भैसों कुत्ता के सामने स्वाविकार किया कि हां मै हकलाता हू | कई बार एसा भी हुआ कि इन जानवरों के सामने बोलने में कोई प्रॉब्लम नहीं आई ,लेकिन जैसे ही मानव के पास गया कि आज तो इस व्यक्ति से हकलाहट के वारे में चर्चा  करू वैसे ही डर गया और विना चर्चा के लौट आया तब एक उपाय और सोचा कि अपने से छोटे लोगो से - हकलाहट के वारे में बात करना चाहिए तब छोटे बच्चो  से मिला और इस प्रकार बात किया
अआप किसी हहक्लाने वाले लोगो से मिले हो  -----चंचल बालक--मुस्कुराकर मेरी ही स्टाईल करके बोलो हाहाहा एक लड़का मेमरी स्कूल  हहाये
मै बोला  उस्स्सका नानाम क्क्क्य है वहबोला विविव्जय
मै कहा कि मै तो हकलाता हू इसलिए एसा बोलता हू  , पर आप ऐसे क्यों बोलते हो? बालका जवाब दिया मजा आती है
---- यही मेरी उम्मीद थी मै बालक को समझाया कि आप को तो  मजा आ रहा है पर हुको बहुत बेकार लग रहा है  तब बालक सिरिअस  हो गया ,यह किसी इन्सान के सामने स्वाविकार करने का मेरा पहला  मौका था हू इसलिए