Monday, December 21, 2009

Stammering Medicine

आप सब लोगो  को बड़ी  बेताबी से  हकलाहट की  दवाई खोजते नजर आते  मै  देखता हु |  पहले  मै भी ,यही  सोचता  था  की  कोई न कोई दवाई तो अवश्य  होगी  जो हमारी हकलाहट को ठीक कर देगी,कई डाक्टरों को हकलाहट के  इलाज के लिए जाता  था जैसे ही मन में आता की अब बोलना है की मै हकलाता हु,  वैसे ही डर बोलता की- तुम्हारी बदनामी होगी मत कहो' डाक्टर   हँसेगे, और मै बोलता की डॉक्टर  साहब मुझे बुखार आती है ,   दवाई लेता और  चला आता, एक बार हद तब हो गई जब मुझे बिना बुखार के, सूजी लगवानी पड़ी
दोषतो आप को हकलाहट की दवाई अवश्य मै दुगा  जो मैंने खाई थी  वह दवाई है विचारो को बदलने की ,थोडा थोडा डेली अपने  आप को बदलने की ,हकलाहट को स्वाविकार करने की , ठीक बोलने की कोशिश करने की ,यदि आप केवल  थोड़ी  सा प्रयास करेगे , आपने आप को बदलने की, तो आप पायेगे की, आप तो थोड़ी प्रयास कर रहे है  लेकिन  भागवान आप को अधिक फल देगा |  यहाँ मै कुछ बाते लिखता हु जो आप को सफलता अवश्य दिलाएगी
1- मुझे  हमेशा याद रखना  चाहिए की मै तनाव मुक्त्य ,निडर  आत्मा विश्वाशी आराम से बोलने  वाला  आदमी हु |
२- आदत को सुधारना है  थोडा अ आप को स्पीड धीमी करनी होगी | मै यहाँ पर एक बात कहुगा की हकलाने वाले लोग यह मानते ही नहीं की मै अधिक स्पीड से बोलता हु ,या जानते ही नहीं है की अनियंत्रित स्पीड हमारी हकलाहट का एक कारण है |
हम सबको थोडा सा स्पीड कम करना चाहिए ,बहुत से लोग कहते है की मै धीरे नहीं बोल सकता | मै आप से यह नहीं कह रहा हु की आप बिलकुल धीमा गाने जैसा बोलो ,लेकिन इतना कण्ट्रोल करो की आप के स्पीच ओरगन सही वर्क कर सके ,आप को बोलने का मौका मिले ,आप को सोचने का मौका मिले , आप की आवाज सुनने वालो को समझ में आनी चाहिए | अब सवाल यह है  की मै कितना धीमा बी बोलु , आप स्याम अपनी आवाज सुनो ,और जो स्पीड आप को सुनने ,समझने  में ठीक लगे वाही आप की सही स्पीड होगी ,प्रारंभ में आप थोडा और धीमा बोले तो बेहतर होगा ,लेकिन गाने जैसा नहीं बोलना चाहिए |
जब आप धीमा बोलने की कोशिश करेगे तो प्रारंभ में थोडा अटपटा लगेगा क्योकि आप अधिक स्पीड बोलने के आदि है| आप के मन में कुछ नेगतीवे विचार भी आयेगे जैसे मै कब तक धीमा बोलूगा , इतनी देर मेरी बात कौन सुनेगा , मै अभी नहीं बाद में धीरे बोलूगा , अभी यहाँ एसे ही बोलता हु बाद में सुधारुगा , सभीलोग तो स्पीड ही बोलते है वह क्यों नहीं अटकते है ,मै ही क्यों अटकता हु 
हमको  कुछ बदलना पड़ेगा ,अपने आप को ,विचारो हो , स्पीच ओरगन के वोर्किंग करने के तरीको को , एक फ़ॉर्मूला याद आता है
 चेंज ( अपने आप को )               =                सुधार ( आप की स्पीच में )
१  स्पीड कण्ट्रोल                            २- आप की स्पस्ट  आवाज आयेगी 
२ -स्पीच ओरगोन                           २-  चेहरा में सिकुडन ख़त्म होगी 
३- हकलाना को स्वबिकर करो        ३-  डर दिमाग से Niklega 

4-ध्यान से दुसरो की बात सुनो   ४= अंसार  देने ,और प्रशन पूछने का मनोबल बढेगा
५- स्माल स्माल वाक्य उपयोग करना     ५=लम्बे समय तक बात कर सकते हो

  

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